Ep-55: विनोबा भावे
कल्पना कीजिए कि एक महान व्यक्ति आपके सामने खड़ा है। उनके शरीर पर वस्त्र नहीं हैं। उनका आंतरिक स्वरूप करुणा से परिपूर्ण है। अनगिनत कीट उनके शरीर पर चढ़े हुए हैं और काट रहे हैं, फिर भी उन्हें क्रोध का कोई संकेत नहीं होता। दुख की कोई पीड़ा नहीं है—इसे ही महावीर कहा जाता है। महावीर बनना कोई साधारण बात नहीं है। डरपोक और कमजोर व्यक्ति महावीर नहीं बन सकता। केवल वही जो वीर होता है, वह महावीर बन सकता है। महावीर स्वामी अत्यंत शांत और स्थिर थे। उनके मन को उत्तेजना ने छूआ भी नहीं। भगवान महावीर स्वामी पूर्वाग्रहहीन थे। वे कहते थे कि दुनिया में जितने भी विभिन्न प्रकार के विचार हैं, उनका विरोध करने के बजाय उनमें जो सत्य है, उसे स्वीकार करना चाहिए। भगवान महावीर स्वामी का यह बहुत ही व्यापक विचार है, जिससे वे अहिंसा की गहराई तक पहुंच सके। कोई भी अन्य व्यक्ति इतनी गहराई तक नहीं पहुंच पाया है। भगवान महावीर स्वामी ने भारत देश को जो उपदेश दिए, उसे भारत कभी भी नहीं भूल सकेगा।