Ep-9: प्रो. श्री एम. विष्टर बिज (चेकोस्लोवाकिया)
मेरे विचार से भगवान महावीर के धर्म की चरम विशेषता है कि इसने संसार के और किसी विश्वास की अपेक्षा अहिंसा के ऊपर अधिक बल दिया है। इससे भी अधिक यह कि जैनधर्म के बहुत प्राचीन इतिहास में न केवल अहिसा को सिखाया गया है- वल्कि उसे व्यवहार मे लाया गया है और इसमें हिंसा को कोई स्थान नहीं है। कामना है कि जैन धर्मानुयायो अहिंसा-जिसका ग्राशय कायरता नहीं, अपितु शान्ति के प्रति साहसिक वृत्ति है-को समस्त संसार में फैलाते रहें।