Ep-34: श्री पानसर तीर्थ
[ पुरातन क्षेत्र, भोजनशाला की सुविधा, चमत्कारी क्षेत्र या मुनियों की तपोभुमि, पंचतीर्थी ]
तीर्थाधिराज: श्री महावीर भगवान, श्वेत वर्ण, पद्मासनस्थ, लगभग 91.4 सें. मी. (श्वे. मन्दिर) ।
तीर्थस्थल: पानसर गाँव के निकट जंगल में।
प्राचीनता: यहाँ की प्रतिमा और कलाकृतियों का अवलोकन करने से इस तीर्थ की प्राचीनता सिद्ध हो जाती है । भगवान महावीर की शान्त, सुन्दर तथा चमत्कारी यह प्राचीन प्रतिमा विक्रम संवत् 1966 के श्रावण शुक्ला 9 रविवार के दिन यहाँ पर रावल श्री जलातेजा के यहाँ प्रकट हुई थी, जिसे एक भव्य मन्दिर का निर्माण करवाकर विक्रम संवत् 1974 वैशाख शुक्ला 6 को प्रतिष्ठित की गयी । तत्पश्चात् विक्रम संवत् 1991 में पाँच और प्राचीन प्रतिमाएँ यहाँ पर भूगर्भ से प्राप्त हुई जिनसे यह सिद्ध होता है कि यहाँ कभी अनेकों जिन मन्दिर रहे होंगे ।
विशिष्टता: कहा जाता है कि चरम तीर्थंकर प्रभु वीर की भूगर्भ से चमत्कारी प्रतिमा के प्रकट होते ही यहाँ अनेकों चमत्कार होने लगे, जिनसे सदैव हजारों यात्रियों का जमघट रहने लगा । इस प्रतिमाजी को नवनिर्मित मन्दिर में प्रतिष्ठित करने के पूर्व यहाँ के अन्य मन्दिर में विराजित किया गया था ।
अन्य मन्दिर: इस गाँव में एक और मन्दिर है। जहाँ के मूलनायक श्री धर्मनाथ भगवान हैं। यह प्रतिमा भी प्राचीन है ।
कला और सौन्दर्य: इस मन्दिर में व श्री धर्मनाथ भगवान के मन्दिर में भूगर्भ से प्राप्त अन्य प्रतिमाएँ स्थापित है, जिनकी कला भी दर्शनीय है।
मार्गदर्शन: तीर्थ स्थान के निकट ही पानसर रेल्वे स्टेशन है, जो अहमदाबाद-मेहसाणा मार्ग पर स्थित है । अहमदाबाद-मेहसाणा रोड़ मार्ग से कलोल से 7 कि. मी. दूर है। मन्दिर तक बस व कार जा सकती है । यहाँ से मेहसाणा 40 कि. मी. शेरीशा तीर्थ 14 कि. मी., महुडी 55 कि. मी. व अहमदाबाद 40 कि. मी. दूर है ।

सुविधाएँ: ठहरने के लिए सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला है, जहाँ भोजनशाला की सुविधा भी उपलब्ध है ।
पेढ़ी: श्री पानसर महावीर स्वामीजी जैन देरासर ट्रस्ट, पोस्ट : पानसर - 382 740. जिला : गांधीनगर ( गुज.) फोन: 02764-88240.