Ep-5: भगवान श्री महावीर का कुटुम्ब-परिचय
संबन्ध | नाम | स्थल नाम | गोत्र |
---|---|---|---|
प्रथम माता | देवनन्दा | ब्राहमनकुण्ड गाम | जालंधर |
प्रथम पिता | ऋषभदत्त | - | कोडाल |
द्वितीय माता | त्रिशला | विदेह जनपद | वसिष्ठ |
द्वितीय पिता | सिद्धार्थ | क्षत्रियकुण्ड गाम | काश्यप |
ज्येष्ठ भ्राता | नंदिवर्धन | - | - |
भाभी | ज्येष्ठा | वैशाली | वसिष्ठ |
बहन | सुदर्शना | क्षत्रियकुण्ड गाम | - |
पत्नी | यशोदा | - | कौण्डिन्य |
पुत्री | प्रियदर्शना | क्षत्रियकुण्ड गाम | काश्यप |
पौत्री | शेषवती | - | - |
चाचा | सुपार्श्व | - | - |
दामाद | जमालि | क्षत्रियकुण्ड गाम | - |
- • भगवान स्वयं काश्यप गोत्र के थे। मंतातरे नंदिवर्धन लघुबन्धु थे।
- • भगवान की पुत्री का 'ज्येष्ठा' ऐसा तृतीय नाम भी था।
- • देवनन्दा और पिता ऋषभदत्त ने महावीर के ही पास दीक्षा ग्रहण करके, तप करके उसी भव में मोक्ष प्राप्त किया था।
- • त्रिशला विदेह जनपद में होने के कारण उनका 'विदेहदीत्रा-विदेहदत्ता' और उसके अतिरिक्त 'वैदेही' और 'विशाला' नाम भी था।
- • यशोदा वसन्तपुर के समरवीर सामन्त की पुत्री थी, यह प्रसिद्ध बात है।