Ep-18: श्री धवली तीर्थ
[ पुरातन क्षेत्र ]
तीर्थाधिराज: श्री महावीर भगवान, पद्मासनस्थ, (श्वे. मन्दिर) ।
तीर्थ स्थल: धवली गाँव के मध्य ।
प्राचीनता: इस तीर्थ की प्राचीनता लगभग तेरहवीं सदी के पूर्व की मानी जाती है क्योंकि आबू के देलवाड़ा-लूणवसही मन्दिर की व्यवस्था में वि. सं. 1287 में यहाँ के श्रावकों द्वारा भाग लेने का उल्लेख है अतः यह स्पष्ट होता है कि उस समय यह गांव भी जाहोजलालीपूर्ण था एवं अनेकों जैन श्रावकों के घर थे। इससे यह भी सिद्ध होता है कि उस समय यहाँ भी मन्दिर अवश्य होंगे ही ।
इस मन्दिर का कब व किसने निर्माण करवाया उसका पता लगाना कठिन है प्रभु प्रतिमा पर कोई लेख उत्कीर्ण नहीं है परन्तु प्रभु प्रतिमा की शिल्पाकृति से ही यहाँ की प्राचीनता व भव्यता सिद्ध हो जाती है।
मन्दिर अतीव प्राचीन है। इसका अंतिम जीर्णोद्धार आबुगोड समाज मीरपुर भोजनशाला ट्रस्ट द्वारा करवाया गया व आचार्य पद्मसुरिजी के सुहस्ते 6 वर्ष पूर्व प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई । प्रतिमा वही प्राचीन है ।
विशिष्टता: यहाँ की प्राचीनता व प्रभु प्रतिमा की भव्यता ही यहाँ की विशेषता है।
अन्य मन्दिर: वर्तमान में इसके अतिरिक्त कोई मन्दिर नहीं है ।
कला और सौन्दर्य: प्रभु प्रतिमा की कला अतीव दर्शनीय है ऐसी अलौकिक व भावात्मक प्रतिमा के दर्शन अन्यत्र दुर्लभ है ।
मार्गदर्शन: यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन आबू रोड़ लगभग 25 कि. मी. दूर है। जहाँ पर सभी प्रकार की सवारी का साधन है। मन्दिर तक कार व बस जा सकती है। हवाई अड्डा अहमदाबाद व उदयपुर 200 कि. मी. है । यहाँ का बस स्टेण्ड दोलपुरा 4 कि. मी. है ।

सुविधाएँ: ठहरने हेतु वर्तमान में मन्दिर के निकट ही धर्मशाला हैं, जहाँ बिजली, बर्तन, बिस्तर आदि की सुविधा है। कायमी भोजनशाला नहीं है । परन्तु पूर्व कहने पर व्यवस्था हो सकती है ।
पेढ़ी: श्री महावीर स्वामी जैन श्वे. तीर्थ घवली पोस्ट : धवली, व्हाया रेवदर, स्टेशन आबूरोड़,
जिला: सिरोही, प्रान्त : राजस्थान, फोन: 02975-66689.
व्यवस्थापक: आबुगोड़ समाज मीरपुर तीर्थ जैन भोजनशाला ट्रस्ट, गाँव : मीरपुर, पोस्ट: सिन्दरथ 307 001. जिला : सिरोही,फोन: 02972-86737. पी.पी. 02975-56635.